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बुलडोजर जस्टिस: उत्तर प्रदेश में पिछले 5 साल का सच (2020–2025)

  • Writer: Apnasamachar bureau
    Apnasamachar bureau
  • Oct 8
  • 3 min read

ग्रोक इनसाइट्स द्वारा | 8 अक्टूबर, 2025


उत्तर प्रदेश (यूपी) में पिछले पाँच सालों से बुलडोजर का शोर घर, दुकानें, और लोगों की जिंदगियाँ उजाड़ने का प्रतीक बन गया है। ये तथाकथित “बुलडोजर जस्टिस” या “अतिक्रमण हटाओ” अभियान, जो सरकार कहती है कि जमीन साफ करने या विकास के लिए हैं, ने हजारों घर तोड़ दिए और लाखों लोगों को बेघर कर दिया। ये अभियान अक्सर गरीब, मुस्लिम, और दलित इलाकों को निशाना बनाते हैं, बिना किसी नोटिस या सुनवाई के। 2024 में, देश के 48 बड़े बेदखली मामलों में से 30% यूपी में हुए, जिसमें 7,407 घर गिराए गए और लगभग 41,085 लोग बेघर हुए।[1] पिछले 5 सालों में, यूपी में अनुमानित 12,000 से ज्यादा संरचनाएँ तोड़ी गईं और 90,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए।[1][2] आइए, इस सच को साल-दर-साल समझें।


पाँच सालों का हिसाब: बुलडोजर की तबाही

2020: कोविड के बीच बेदखली


2020 में, जब कोविड लॉकडाउन के कारण बेदखली पर रोक थी, यूपी में 18 बड़े अभियान चले। गाजियाबाद (भोपुरा, सिहानी), वाराणसी (सुजाबाद), और लखनऊ (धोबी घाट आग) में लगभग 4,662 घर-दुकानें तोड़ी गईं, जिससे 22,358 लोग बेघर हुए।[3] 75% मामलों में “अतिक्रमण” का हवाला दिया गया, बाकी सड़क-निर्माण या संदिग्ध आगजनी के लिए। 90% प्रभावितों को कोई वैकल्पिक जगह नहीं दी गई।


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2021: हवाई अड्डा और स्मार्ट सिटी

2021 में, गौतम बुद्ध नगर (जेवर हवाई अड्डा) और वाराणसी में 3,075 संरचनाएँ तोड़ी गईं, जिससे 14,760 लोग प्रभावित हुए।[4] जेवर में पुनर्वास के लिए दी गई जगहों में पानी-बिजली नहीं थी। CAA विरोध के बाद सख्ती बढ़ी।


2022: दंगों के बाद सजा

2022 में, CAA और पैगंबर टिप्पणी विवाद के बाद प्रयागराज और सहारनपुर में चुनिंदा घर तोड़े गए। देशभर में 128 दंडात्मक बेदखलियाँ हुईं, जिनमें यूपी का हिस्सा बड़ा था।[2] सभी जाँचे गए मामले मुस्लिमों के खिलाफ थे, जैसे प्रयागराज में कार्यकर्ता जावेद मोहम्मद का घर।[5]


2023: अकबरनगर और सड़कें

2023 में, लखनऊ के अकबरनगर में 1,800 संरचनाएँ (1,169 घर, 101 दुकानें) कुकरैल नदी के किनारे तोड़ी गईं, ताकि इको-टूरिज्म प्रोजेक्ट बने।[6] मथुरा में 135 घर गिराए गए।[7] सड़कों से अवैध बाजार हटाने के अभियान भी चले। लगभग 10,000 लोग प्रभावित हुए।


2024–2025: सांभल और बरेली में तनाव

2024 में, बरेली में मुहर्रम दंगों के बाद 11 मुस्लिम घर तोड़े गए।[8] 2025 में, सांभल में चार महीनों में दो मस्जिदें और एक शादी हॉल (30,000 वर्ग फुट) तोड़ा गया।[9] सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज में 24 घंटे के नोटिस को “अमानवीय” कहा और 6 परिवारों को 60 लाख का मुआवजा दिया।[7] यूपी में 2024–25 में 45,000 घर तोड़े गए, जो देश के कुल का 30% है।[1]


बुलडोजर की सच्चाई: मुख्य पैटर्न

  1. बढ़ता दायरा: 2020 (4,662 संरचनाएँ) से 2024–25 (~45,000) तक अभियान बढ़े। 40% दंडात्मक (दंगों के बाद), 60% अतिक्रमण या विकास के नाम पर।[8]

  2. मुस्लिम-दलित निशाना: 37% अभियान मुस्लिम इलाकों में, 28% दलित-प्रवासी प्रभावित।[2] न्यूज़लॉन्ड्री ने सांभल में चुनिंदा मस्जिद निशाने की बात उठाई।[10]

  3. कानूनी उल्लंघन: 80% मामलों में नोटिस नहीं, जो संविधान के अनुच्छेद 300A और यूपी अर्बन प्लानिंग एक्ट (15 दिन का नोटिस) का उल्लंघन है।[11]

  4. मानवीय नुकसान: 59–90% लोगों को पुनर्वास नहीं मिला। बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं, परिवार कर्ज में डूबे।[1]

  5. सरकारी दावा: सीएम योगी इसे “माफिया विरोधी” अभियान कहते हैं, पर द वायर ने इसे “पॉपुलिस्ट सजा” करार दिया।[12]


डेटा कहाँ से आया?

हमने निम्नलिखित विश्वसनीय स्रोतों से डेटा जुटाया:

  • NGO रिपोर्ट्स: हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क (HLRN) की 2020–2023 रिपोर्ट्स, जो फील्ड सर्वे, पीड़ितों के बयान, और कोर्ट दस्तावेजों पर आधारित हैं।[3][1]

  • एमनेस्टी इंटरनेशनल: 128 दंडात्मक मामलों की 2024 रिपोर्ट, RTI और मीडिया विश्लेषण से।[2]

  • सुप्रीम कोर्ट: 2024–25 के फैसले, जैसे मुआवजा और दिशानिर्देश।[7][11]

  • RTI: सीमित जवाब, पर एमनेस्टी और HLRN ने RTI से पुष्टि की कि 80%+ मामले बिना नोटिस के। यूपी सरकार आँकड़े छिपाती है।[2]

  • मीडिया: द हिंदू, टाइम्स ऑफ इंडिया, द वायर, न्यूज़लॉन्ड्री, और X पोस्ट्स (2024–25) से ताजा अपडेट्स, जैसे सांभल और बरेली की घटनाएँ।[6][10][12][9]


आगे क्या?

सुप्रीम कोर्ट ने 2024–25 में नियम बनाए—नोटिस, सुनवाई, और वीडियोग्राफी अनिवार्य—पर सांभल और बरेली की ताजा घटनाएँ बताती हैं कि अमल नहीं हो रहा।[7] संविधान का अनुच्छेद 21 (आवास का अधिकार) और RTI में पारदर्शिता जरूरी है। जब तक “बुलडोजर जस्टिस” रुकेगा नहीं, यह लोकतंत्र के लिए खतरा बना रहेगा।


क्या आप किसी खास घटना पर और जानकारी चाहते हैं? नीचे कमेंट करें!

 
 
 

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