top of page
Search

बिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश, वोटर कार्ड, आधार कार्ड और राशनकार्ड को पहचान के शामिल करें।

  • Writer:  Bureau ApnaSamachar
    Bureau ApnaSamachar
  • Jul 28
  • 2 min read

ree

नई दिल्ली :बिहार मतदाता सूची संशोधन के लिए आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को यह निर्देश दिया गया कि वह राशनकार्ड, वोटर कार्ड और आधार कार्ड को पहचान के लिए शामिल करें।

कोर्ट ने कहा कि जो 11 दस्तावेज आपने मांगे हैं। जालसाजी का खतरा तो उनमें भी है।

इससे पहले आयोग ने राशन कार्ड सहित तीन महत्वपूर्ण दस्तावेजों को खारिज करने के लिए जालसाजी का हवाला दिया था। कोर्ट ने कहा कि आयोग ने राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को इसलिए खारिज किया था क्योंकि उनमें जालसाजी का खतरा था लेकिन ये खतरा उन 11 दस्तावेजों में भी है। जिन्हें आयोग ने स्वीकार किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि बिहार के मतदाताओं को वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए आधार और EPIC जैसे दस्तावेज जमा करने की अनुमति दी जाए। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, 'सरकारी दस्तावेजों के साथ सच्चाई जुड़ी होती है। आप इन दो दस्तावेजों के साथ आगे बढ़ें। आप इन दो दस्तावेजों (आधार और EPIC) को शामिल करेंगे, जहां भी आपको जालसाजी मिलेगी, वो केस-टू-केस आधार पर होगा। पृथ्वी पर किसी भी दस्तावेज को जाली बनाया जा सकता है। अगर कोई गड़बड़ी होती है तो उसे बाद में देखा जाएगा

जस्टिस कांत ने आयोग से कहा कि 'सामूहिक बहिष्कार' के बजाय 'सामूहिक समावेशन' होना चाहिए। मतलब ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के प्रकाशन पर रोक लगाने से मना कर दिया। अंतिम फैसला कोर्ट में लंबित याचिकाओं पर निर्भर करेगा जस्टिस कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने विस्तृत सुनवाई नहीं की क्योंकि जस्टिस कांत को चीफ जस्टिस के साथ एक मीटिंग में जाना था। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि मामले की जल्द सुनवाई होगी। याचिकाकर्ताओं में से एक, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने वोटर लिस्ट पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि इससे लगभग 4.5 करोड़ लोगों को परेशानी होगी।'

 
 
 

Comments


bottom of page